पहला 👳 व्यक्ति जिसने हवाई जहाज🚀🚀🚀 को बनाया। 👳 👳The first person who built an airplane.......

 

दोस्तों बचपन में आपने जब भी आसमान में हवाई जहाज को जाते देखा होगा तो यह बात तो जरूर आपके मन में आयी होगी  की जिसने भी  ये काम किया है ओ कितना विद्यबान  होगा | 

हम जैसे जैसे बड़े होते गए  हमे ये बताया गया  कि  WRIGHT BROTHERS  ने ही पहली बार 17 DECEMBER 1903 में  किसी मानव द्वारा बनाये गए यंत्र में बैठ कर उड़ान भरी थी | पर क्या यह पूरी तरह सत्य है की इनसे पहले क्या किसी ने हवाई जहाज नहीं बनाई ,मुझे मालुम है की आप कहेंगे की यही  सच  है|                                                 


 

लेकिन मैं कहूंगा नहीं ,आपको तो कभी  सत्य बताया ही नहीं गया ,आज मैं आपको एक ऐसे भारतीय के बारे में  बताना जा रहा हूँ जिनके बारे में आप शायद ही जानते होंगे | 

उस महान भारतीय व्यक्ति का नाम था    शिवकर बापूजी तलपदे (shivkar Bapuji Talpade)

       
SHIVKAR BAPUJI TALPADE(1864-1916)



जी हां आपने सही सुना ,शिवकर बापूजी ने 1895 में ही विश्व की  पहली  विमान बनाई थी | 
शिवकर बापूजी का जन्म सन 1864  में मुंबई  के एक छोटे से गांव  चीरा बाजार में हुआ था | उन्होंने  अपनी शिक्षा अपने गुरु के सानिध्य में  संस्कृत  से की |                                                                                                            
                                                                                                          
प्राचीन भारत में महर्षि भारतद्वाज  ने विमानशास्त्र नाम की पुस्तक लिखी थी,जिनमे उन्होंने विमान बनाने के कई तरीको को बताया | इस पुस्तक में  8  अध्याय है जिनमे 100  खंड है | महर्षि भरतद्वाज  ने एक विमान  को          बनाने  के 32 तकनीक  बताये  है | महर्षि भरतदाज  ने  500 तरह  के अलग -अलग  विमान बनाने के तरीके अपने पुस्तक  में लिखी है|                                                                                                                                           
 शिवकर बापूजी ने यह पुस्तक अपने जीवनकाल में पढ़ी और इनमे दिए गए तरीको  पर काम करना शुरू कर दिया  ,और इसका यह परिणाम यह हुआ की उन्होंने  सन 1895  में पहली  ऐसी विमान बनाई जो ना सिर्फ  1500  Ft   तक  उडी  बल्कि  बिलकुल सही सलामत जमीन पर उत्तरी |                                                                                                 

 
 इस ऐतिहासिक दृश्य को देखने  उस समय के बड़े बड़े लोग गए | महादेव गोविन्द रानडे जो उस समय के अंग्रेजी न्याय व्यवस्था  में जज के पद पर थे  और साथ ही उस समय के बडोदरा  के राजा गायकबाड़करके भी इस महान व्यक्ति द्वारा किये गए  आविस्कार को देखने गए |                                                                                            
           
                 
                                                   MAHARAJ OF BADODARA                                                                        

बापूजी के इस कार्य को ऐसे हज़ारो लोगो  के समक्ष उस  उड़ाया , हैरियत  की बात तो यह है की बापूजी खुद उस विमान में नहीं बैठे थे ,उन्होंने उस समय बिना चालक  द्वारा संचलित  विमान बना दिया था | 

इस अद्भुत  कार्य को देखकर सभी ने बापूजी को आर्थिक सहायता देने  का अस्वासन दिया ,पर नियति में तो कुछ और लिखी हुई थी | उस समय के इंग्लैंड की एक कंपनी रैली ब्रदर्स (RALLY BROTHERS) ने बापूजी से उन सारे  की डिजाईन को  यह कहकर ले लिया की वे इस  इस प्रोजेक्ट में  निवेश करेंगे , किन्तु वे इंगलैंड जाकर  समझौते  भूल गए | 

कुछ समय बाद ये डिजाईन राइट ब्रदर्स (WRIGHT BROTHERS) के हाथ आ गए और ओ  दोनों इसी डिज़ाइन के जरिये एयरोप्लेन बना डाला ,और आज पूरा विश्व उन्ही को एयरोप्लेन (AEROPLANE) का आविष्कारक मानती  है | 

शिवकर बापूजी  एक छोटी से गलती क कारण इतिहास क पन्नो में ही सिमटकर रह गए | 

                                                          क्या यह एक एस्ट्रोनॉट  है ?




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