दोस्तों , आपने हमारे देश में बहुत से लोगों को रुद्राक्ष पहने हुए तो जरूर देखा होगा । जी हाँ ,रुद्राक्ष जिसे हम भगवान शिव का प्रतिक मानते है। कहा जाता है जिसके शरीर प्र रुद्राक्ष हो,उसकी स्वय शिव जी रक्षा करते है।
रुद्र अर्थात शिव-------अक्ष अर्थात आँसू
हमारे सनातन धर्म में रुद्राक्ष का एक विशेष महत्व है। रुद्राक्ष प्रकृति द्वारा दिया गया एक ऐसा वरदान है जिससे अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष सभी की प्राप्ति में लाभकारी माना जाता है।
रुद्राक्ष के उत्पत्ति के बारे में भी एक तथ्य है, हमारे शास्त्रो में कहा गया है की रुद्राक्ष भगवान शिव के नेत्रों से गिरने वाले जल की बूंदों से निर्मित हुआ है।
रुद्राक्ष धारण करने वाले पर भगवान शिव की सदैव कृपा बनी रहती है। नकारात्मक शक्तियां(Negative Energy) रुद्राक्ष धारण करने वाले के पास कभी भी नहीं आती हैं। साथ ही जिस घर में रुद्राक्ष की हमेशा पूजा होती है वहां कभी धन-धान्य की कमी नहीं रहती, मां लक्ष्मी की कृपा उन लोगों पर हमेशा बनी रहती है।
रुद्राक्ष कई प्रकार के होते है--
1. एक मुखी रुद्राक्ष
2. दो मुखी रुद्राक्ष
3. तीन मुखी रुद्राक्ष
4. चार मुखी रुद्राक्ष
5. पाँच मुखी रुद्राक्ष
6. छ्ह मुखी रुद्राक्ष
7. सात मुखी रुद्राक्ष
8. आठ मुखी रूद्राक्ष
9. नौ मुखी रुद्राक्ष
10. दसमुखी रुद्राक्ष
11. ग्यराह मुखी रुद्राक्ष
12. बारह मुखी रुद्राक्ष
13. तरेह मुखी रुद्राक्ष
14. चौदह मुखी रुद्राक्ष
रुद्राक्ष का पेड़ किसी भी दूसरे पेड़ की तरह ही होता है, इसके पेड़ 50 फीट से लेकर 200 फीट होते है,और इसके पत्ते का आकार लंबा होता है।
रुद्राक्ष के पेड़ भारत समेत दुनिया के अनेक देशों में पाया जाता हैं. यह भारत के हिमालय के क्षेत्रों तथा मैदानी इलाकों में भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
इसके अलावा यह असम, मध्य प्रदेश, उतरांचल, अरूणांचल प्रदेश, बंगाल, हरिद्वार, गढ़वाल और देहरादून के जंगलों में पर्याप्त मात्रा में होते हैं। रुद्राक्ष के पेड़ दक्षिण भारत के नीलगिरि, मैसूर और कर्नाटक में भी देखे जा सकते हैं।
रुद्राक्ष के फूलों का रंग सफेद होता है तथा इस पर लगने वाले फल गोल आकार के होते है। इसके अन्दर से रुद्राक्ष के रुप में प्राप्त होता है।
रुद्राक्ष के जैसे ही एक और फल होता है जिसे हम भद्राक्ष कहते है, यह रुद्राक्ष की तरह दिखता तो है लेकिन इसमें रुद्राक्ष की तरह गुण नहीं होते है।
कई लोग पैसे कमाने के कारण भद्राक्ष को ही रुद्राक्ष बताकर बेचते है।इसलिए रुद्राक्ष को खरीदने से पहले आपको इसके गुणों को देखना चाहिए। अपने आध्यात्मिक और औषधीय के कारण ही रुद्राक्ष को अत्याधिक महत्व है।
रुद्राक्ष के गुणों के कारण ही सदियों से ऋषि-मुनि इसे धारण करते आए हैं।
ज्योतिस्य दृष्टिकोण से रुद्राक्ष का बहुत महत्त्व है।
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1️⃣ एकमुखी रुद्राक्ष को बहुत ही दुर्लभ माना जाता है। इसके विषय में कहा जाता है की जहां इसका वास होता है, वहां सदैव अष्टसिद्धियों और नवसिद्धियां निवास करती हैं।
🌞सूर्य के लिए एक मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक रहता है जिससे सभी प्रकार के सुख,मोक्ष और उन्नति प्राप्त होती है।
2️⃣ दोमुखी रुद्राक्ष स्वय अर्धनारीश्वर के स्वरूप को माना जाता है। इसको धारण करने वाले व्यक्ति पर माता पार्वती और शिव दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
🌝चंद्र के लिए दो मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक रहता है जिससे सभी प्रकार की कामनाओं पूर्ण होती है तथा दामपत्य जीवन मे सुख-शांति रहती है।
3️⃣ तीनमुखी रुद्राक्ष साक्षात् अग्नि के स्वरुप को माना जाता है ।
💥मंगल के लिए तीन मुखी अथवा ग्यारह मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक रहता है जिससे सभी सांसारिक सुख भोगने और ऐश्वर्य प्राप्ति में सहायता मिलती है।
4️⃣ बुध के लिए चार मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक रहता है जिससे धर्म,अर्थ,काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
इसको धारण करने पर ब्रह्माजी का कृपा सदैव बना रहता है।
5️⃣ पांचमुखी रुद्राक्ष साक्षात् शिव जी का स्वरूप है। यह रुद्राक्ष नरहत्या के दोषों को दूर करने में सक्षम है।
गुरु के लिए पांच मुखी या दस मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक रहता है जिससे सभी सुखों की प्राप्ति के साथ कामवासना पर भी विजय प्राप्त होती है।
6️⃣ शुक्र के लिए छह मुखी अथवा तेरह मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक रहता है जिससे सभी पापा से मुक्ति मिलती है साथ ही श्रेष्ठ संतान प्राप्त होती है।\
इसको धारण करने से भय से मुक्ति और आरोग्य प्राप्त होता है।
7️⃣ शनि के लिए सात मुखी अथवा चौदह रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक रहता है जिससे दरिद्रता दूर होती है।
सात मुखी रुद्राक्ष सप्तमातृकाओं का प्रतिक माना जाता है। इसको धारण करने से मां लक्ष्मी प्रस्नन रहती हैं।
8️⃣ राहु के लिए आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक रहता है जिससे लंबी आयु,दुर्घटना से बचाव और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। यह रुद्राक्ष मां गंगा को अति प्रिय है।
9️⃣ केतु के लिए नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक रहता है जिससे जातक मृत्यु के डर से मुक्त होता है। इसको धारण करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और अपना आशीर्वाद बनाए रखती हैं और यमराज और मृत्यु का भय दूर होता है।
🔟 दसमुखी रुद्राक्ष शांति एवं सौंदर्य प्रदान करने वाला होता है।
1️⃣1️⃣ ग्यारह रुद्राक्ष विजय दिलाने वाला, ज्ञान एवं भक्ति प्रदान करने वाला होता है।
1️⃣2️⃣ बारह मुखी रुद्राक्ष धन प्राप्ति कराता है।
1️⃣3️⃣ तरेह मुखी रुद्राक्ष शुभ व लाभ प्रदान कराने वाला होता है।
1️⃣ 4️⃣ चौदह मुखी रुद्राक्ष संपूर्ण पापों को नष्ट करने वाला होताहै।
हर हर महादेव !!
🙏🙏
3 Comments
Great💯
ReplyDeleteThanks for giving us more knowledge about 🔱रुद्राक्ष 🔱 हर हर महादेव ।।🔱🔱
ReplyDeleteshambho!
ReplyDeleteIf you have any doubt, let me know